ना हाथ रंगो हल्दी मेहंदी से, इन्हें स्याही से रंग जाने दो माँ। नींव बनूँगी दो-दो घर क ना हाथ रंगो हल्दी मेहंदी से, इन्हें स्याही से रंग जाने दो माँ। नींव बनूँगी...
नदिया बहे जैसे कल कल वैसे सतत चल खुद को बदल नदिया बहे जैसे कल कल वैसे सतत चल खुद को बदल
तू लौटी है तो चाहती है मैं भी लोट जाऊ तू लौटी है तो चाहती है मैं भी लोट जाऊ
दरिया उतना बढ़ जाता है दरिया उतना बढ़ जाता है
सिसकियां इतनी बढ़ गई हैं सिसकियां इतनी बढ़ गई हैं
अगर वांछित हो तो घृणा छोड़ देंगे। अगर वांछित हो तो घृणा छोड़ देंगे।